Friday, May 10, 2013
भ्वाकृतिक संकल्पनाएँ- 3
भौमिकीय संरचना की संकल्पना-
" स्थलरूपों के विकास में भौमिकीय संरचना एक महत्तवपूर्ण नियंत्रक कारक होती है तथा उनमें (स्थलरूपों में) प्रतिबिम्बित होती है।"
1- विपक्ष में तर्क- "स्थलरूपों के विकास में भौमिकीय संरचना को एक महत्तवपूर्ण नियंत्रक कारक मान लेना एक प्रवृत्ति है और निश्चय ही यह तथ्य कई बार सत्य भी होता है, परन्तु संरचना ही सदैव मुख्य नियंत्रक कारक नहीं होती और वह भी अकेले।"- ई. एच. ब्राउन
2- जे. टी. हैक, आर. जे. चोर्ले, एस. शूम और डी. ई. सगडेन आदि ने स्थलाकृतियों के उद्भव एवं विकास पर भौमिकीय संरचना के प्रभुत्व को स्वीकार किया है।
3- एक्सफोलिएशन गुम्बद, मेसा, बुटी, हॉगबैक, क्वेस्टा, टार आदि इसके प्रमुख उदाहरण हैं।
4- एक्सफोलिएशन गुम्बद:- जब ग्रेनाइट शैल के वृहद समूह पर लगातार अपरदन होता रहता है तो अगल- बगल की परत उघड़कर हट जाती है तथा बीच का भाग उभड़ा नजर आता है, इसे ही एक्सफोलिएशन गुम्बद कहते हैं। सं. रा. अ. की योसेमाइट घाटी, जार्जिया के स्टोन पर्वत, ब्राजील के सूगरलोफ ( रियोडिजेनेरो ), तथा भारत के मध्य रांची पठार ( काके के पास ) आदि एक्सफोलिएशन गुम्बद के प्रमुख उदाहरण हैं।
5- मेसा:- मेसा एक स्पेनिश शब्द है, जिसका अर्थ है मेज या टेबुल। जब लावा का प्रवाह सतह पर होता है तो लावा की एक मोटी परत बिछ जाती है। अपरदन के समय मुलायम भाग अपरदित हो जाता है किन्तु कठोर भाग नदी घाटियों के बीच अछूता रह जाता है, जो शैल टोपी के समान दिखता है जिसे मेसा कहते हैं।
इस तरह की मेसा सं. रा. अ. के कोलोरैडो, बायोमिंग, तथा न्यू मेक्सिको व भारत के रांची पठार के पाट प्रदेश और महाबलेश्वर पठार पर मिलती है।
6- रांची में मेसा को पाट कहा जाता है। जैसे:- खमार पाट, रुडनी पाट, रुल्डामी पाट, नेतरहाट पाट तथा जमीरा पाट आदि।
7- बुटी:- जब अपरदन के पश्चात मेसा का अधिकांश भाग कट जाता है, तब उसका आकार छोटा होने लगता है, इसे बुटी कहते हैं। सं. रा. अ. की शिपराक ज्वालामुखी ज्वालामुखी- बुटी का उदाहरण है।
8- हॉगबैक:- जब परतदार कमजोर शैल में लावा गुम्बद का प्रवेश हो जाता है और अपरदन के पश्चात मुलायम शैल कट जाती है तथा अपेक्षाकृत अवरोधक शैल भाग संकरे एवं लम्बे कटक में बदल जाता है, जिसे हॉगबैक कहते हैं। यह एक लम्बी एवं पतली श्रेणी के रूप में होता है जिसके डिप एवं ढाल दोनों खड़े होते हैं।
9- क्वेस्टा:- क्वेस्टा एक स्पेनिश शब्द है जिसका अर्थ है "पहाड़ी श्रेणी"। यह भी हॉगबैक के समान होता है। केवल हॉगबैक की अपेक्षा इसका डिप एवं ढाल खड़ा नहीं होता।
10- टार:- ग्रेनाइट शैल के अनाच्छादन के फलस्वरूप छोड़े गये टुकड़ों के समूह जो एक ऊपर एक रखे प्रतीत होते हैं, को टार कहा जाता है। जैसे- इंग्लैंड के डार्टमूर टार।
यह दो प्रकार के होते हैं-
¡- गगन रेखी टार:- वे टार जो शिखरों पर मिलते हैं। जैसे- उ. पिथौरिया ग्राम का ( मध्य रांची के पास ) मूढ़ा पहाड़।
¡¡- घाटी पार्श्व टार:- वे टार जो घाटी के पार्श्व में पाये जाते हैं। जैसे- हुण्डरू घाघ प्रपात के नीचे स्वर्ण रेखा नदी की घाटी में स्थित टार।
11- टार निर्माण से सम्बंधित सिद्धांत:-
¡- एल. सी. किंग का "पेडीप्लेनेशन सिद्धांत" (1958 ई. )
¡¡- डी. एल. लिंटन का "अध: अपक्षय सिद्धांत" (19955 ई. )
¡¡¡- पामर एवं नेल्सन का "परिहिमानी सिद्धांत " (1962 ई. )
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