एकरूपता वाद की संकल्पना:-
1- "वर्तमान समय में जो भू- गर्भिक प्रक्रम तथा नियम कार्यरत हैं, वे ही समस्त भू- गर्भिक इतिहास में कार्यरत थे, परन्तु उनकी सक्रियता में अंतर था"- थार्नबरी
2- एकरूपता वाद की संकल्पना मार्डन ज्योलॉजी का आधारभूत सिद्धांत है।
3- इसका प्रतिपादन सर्वप्रथम स्काटिश भूगर्भवेत्ता जेम्स हटन द्वारा 1785 ई. में किया गया।
4- प्लेफेयर (1802) तथा चार्ल्स ल्येल ने इसका विस्तृत वर्णन किया।
5- जेम्स हटन के अनुसार- "भू-गर्भिक प्रक्रम भू- गर्भिक इतिहास के प्रत्येक काल में समान रूप से सक्रिय थे।"
6- इसी आधार पर इन्होंने कहा- " वर्तमान भूतकाल की कुञ्जी है।"
7- टर्शियरी तथा क्रीटैशियस युग में ज्वालामुखी अधिक सक्रिय था।
8- हटन सरिताओं द्वारा होने वाले अपरदन से अधिक प्रभावित थे।
Good geographical work.
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